The Basic Principles Of sidh kunjika



शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुञ्जिकास्तोत्रमुत्तमम् ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वादशोऽध्यायः

श्रीत्रिगुणात्मिका देवता, ॐ ऐं बीजं, ॐ ह्रीं शक्तिः, ॐ क्लीं कीलकम्,

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति।।

मारणं मोहनं वश्यं स्तम्भनोच्चाटनादिकम् ।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति अष्टमोऽध्यायः

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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा॥

देवी माहात्म्यं चामुंडेश्वरी मंगलम्

मनचाहा फल पाने के लिए ये पाठ कर रहे हैं तो ब्रह्मचर्य का पालन करें. देवी की पूजा में पवित्रता बहुत मायने रखती है.

अं कं चं टं तं पं यं शं वीं दुं ऐं वीं हं क्षं ।

Another thing that should be pointed out is the fact that such a way needs really hard Sadhna and Sacrifice from anyone. Simultaneously, the negative impact on the slightest slip-up is The key reason why that Tantrik practices of reaching God are frequently read more claimed to generally be prevented.

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